तुम कहो तो सही
तुम कहो तो सही कि रुको दो पल, मै सदियाँ बिता दूँ उन दो पलों में । आओ तो करीब मेरे, साँसों की लकीरों तक, शर्म की जंजीरो तक, तुम कहो तो सही । मै थी तुम्हारी, हूँ तुम्हारी, रहूँगी तुम्हारी, तुम कहो तो सही । क्यों नाराज हो मुझसे, पगले मै बदलि नहीं, मैं तो वही हूँ, तुम्हारी और सिर्फ तुम्हारी, तुम कहो तो सही । पता है मुझे, करते हो तुम बेइंतहां मोहब्बत, आँखों में दिखती है तुम्हारी चाहत, तुम कहो तो सही । आज भी अल्फ़ाज तुम्हारे, देते है दिल को सुकून मेरे, उस कदर जैसे, पहले दिया करते थे, आज भी तुम ही मेरे सबसे प्यारे दोस्त हो, एहसासो में सिमट कर, देर रातों तक हमारा बात करना, बात-बात पे पागल कहना, फिर तुम्हे अपना बुलाना, मेरे जीवन की सबसे हसीन राते थीं वो, तुम कहो तो सही । तुम होते थे पास मेरे, खुद को महफूज समझती थी, तुम्हारी हाथों को लेके हाथ में मेरे, लकीरों में उनकी,खुद को ढूंढा करती थी, वो पल याद है मुझे, वो सब याद है मुझे, तुम कहो तो सही । रुआंसी हो जाती थी तुम्हारी आँखे, शायद सोचते होगे, कही मै तुमसे अलग हो गई तो, मेरे प्यारे...